विनायक बाबा का गीत
हमारे यहाँ प्रत्येक शुभकार्य गणेश वन्दना से ही आरम्भ होता है। पाप विनाशक मंगलकारक गजानन गणेश की पूजा सुख-समृद्धि वैभव और भौतिक सम्पदा की दात्री देवी लक्ष्मी के साथ की जाती है। लोकगीतों में गणेश की आराधना के बड़े मनोहारी चित्र हमें मिलते हैं।
गीत-1
म्हारा प्यारा रे गजानन्द आइयो जी,
रिद्धि-सिद्धि न साथ लाइयो जी ।
म्हारे प्यारे रे गजानन्द आइयो जी,
थानै सबसे पहले मनावा, लडुवन को भोग लगावो,
थे मूसै चढ़कर आइयो जी,
हमारा प्यारा रे गजान्नद आइयो।
माँ पार्वती का प्यारा, षिव षंकर लाल दुलारा,
थे बांध पागड़ी आइयो जी,
हमारा प्यारा रे गजानन्द आइयो।
थे रिद्धि-सिद्धि के दातारी, थानै मनावै दुनिया सारी,
हमारा अटके काम बनाइयो जी,
हमारा प्यारा रे गजानन्द आइयो ।
थारो घर-घर में गुण गावैं, थारे चरणा में षीष नवावां जी
म्हारो कारज सफल बनाइओ जी,
म्हारा प्यारा रे गजानन्द आइयो ।
more